लाहूल स्पीती की संस्कृति
  • THR
  • 1

पूरा लाहौल अपने मेहमानों की खातिरदारी में जुट गया है।अपने फसलों को भारी नुक्सान व सेब के पेड़ों की तबाही के गम को भूल कर ,सब लोग विभिन्न जगह फंसे हुए लोगों को,हैलिकाप्टर के जरिए, ज़ुराब,पूरी,सब्ज़ी,भेज रहे हैं।जो सिस्सु हैलिपेड पहुंच रहे हैं,उन्हें चाय, पुरी और सब्ज़ी के साथ,खिला रहे हैं।यही हमारी हिन्दुस्तान की पहचान,स॔स्कृति और एकता है।

मुश्किल में लाहूल स्पीती की महिलायें हेलीपेड में निस्वार्थ नाश्ता व खाना परोसते हुए.. ऐसा नज़ारा सिर्फ़ लाहूल स्पित्ति में ही देखा जा सकता है जबकि ख़ुद लाहूल स्पीती के किसानो के फ़सल तबाह हो चुके है .. इसे कहते है लाहूल स्पीती की संस्कृति !
सलाम है इन महिलाओं को !
तस्वीर आभार: लाहूल से मित्र

One thought on “लाहूल स्पीती की संस्कृति

Leave a Reply to THR Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *